एकाकीपन हो, शांत वादियों मे ख़ामोश मन हो, मेरे अपने आगोश में। एकाकीपन हो, शांत वादियों मे ख़ामोश मन हो, मेरे अपने आगोश में।
कभी-कभी मेरा हाथ थामे साथ चलते-चलते तुम्हारी निगाह कहीं शून्य में अटक जाती है। कभी-कभी मेरा हाथ थामे साथ चलते-चलते तुम्हारी निगाह कहीं शून्य में...
मैं भी भारत तू भी भारत, मैं और तुम में सिमटता भारत, मैं भी भारत तू भी भारत, मैं और तुम में सिमटता भारत,
""मैं एक मजदूर हूं "" (लॉकडाउन के दौरान) ""मैं एक मजदूर हूं "" (लॉकडाउन के दौरान)
उफ्फ..! कितनी विभत्स और डरावनी है ये दुनियां जहां मानव तो है पर मानववीयता नहीं.! उफ्फ..! कितनी विभत्स और डरावनी है ये दुनियां जहां मानव तो है पर मानववीयता नही...
ना जाने वो कौन सा वक्त होगा, तुम्हारे जेहन में कुछ बातें होंगी। ना जाने वो कौन सा वक्त होगा, तुम्हारे जेहन में कुछ बातें होंगी।